बड़े फेरे हैं कंगना की वाई सिक्योरिटी की राह में…

बॉलीवुड की अभिनेत्री कंगना रणौत को केंद्र सरकार वाई कैटेगरी की सुरक्षा देगी. कंगना जैसे ही 9 सितंबर को मुंबई की धरती पर कदम रखेंगी उनकी सुरक्षा में 11 जवान तैनात मिलेंगे. इसमें एक या दो कमांडो होंगे और बाकी पुलिसकर्मी. अभी कंगना अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में हैं.

केंद्र की सुरक्षा मिलने पर कंगना ने ट्वीट कर कहा, ‘ये प्रमाण है कि अब किसी देशभक्त आवाज को कोई फासीवादी नहीं कुचल सकेगा. मैं गृहमंत्री अमित शाह जी की आभारी हूं. वे चाहते तो हालातों के चलते मुझे कुछ दिन बाद मुंबई जाने की सलाह देते, मगर उन्होंने भारत की एक बेटी के वचनों का मान रखा, हमारे स्वाभिमान और आत्मसम्मान की लाज रखी, जय हिंद.’

सुशांत सिंह की मौत के बाद कंगना राउत बॉलीवुड के माफिया के खिलाफ मुखर हैं. उन्होंने बॉलीवुड के ड्रग्स कनेक्शन पर भी लगातार सवाल उठाए हैं और सुशांत को न्याय दिलाने के लिए अभियान चला रही हैं. पर क्या इस वजह से उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा मिल गई? इसकी कहानी कुछ और है.  

इससे पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी घोषणा की थी कि कंगना हिमाचल की बेटी हैं इसलिए हिमाचल सरकार राज्य में उन्हें पूरी सुरक्षा उपलब्ध करवाएगी क्योंकि यह प्रदेश सरकार जिम्मेदारी है. जरूरत पड़ने पर मुंबई में भी सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी. तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि जयराम ठाकुर अपना वादा किस प्रकार निभाएंगे. क्या हिमाचल सरकार निजी सुरक्षा गार्ड मुहैया कराएगी या कोई और रास्ता निकाला जाएगा.

दरअसल नियमों के अनुसार एक राज्य के पुलिस के जवान किसी अन्य राज्य में किसी विशेष प्रयोजन और कुछ सीमित अधिकारों के साथ ही जा सकते हैं. अमूमन ऐसा अपने प्रदेश में हुए अपराध या दर्ज एफआईआर की जांच के लिए किया जाता है.

एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य में जाती है तो उसे उस राज्य की पुलिस के साथ समन्वय बनाना होता है और अपने एक्शन की जानकारी भी देनी होती है. एक राज्य की पुलिस सामान्य परिस्थितियों में दूसरे राज्य में कानून-व्यवस्था से जुड़े काम या फिर किसी को हिरासत में लेने का काम बिना उस राज्य की पुलिस की सूचना के नहीं कर सकती है.   

मामला यहीं फंस रहा था. अगर हिमाचल पुलिस के जवान कंगना के साथ लगे होते और महाराष्ट्र में कोई हमला हो जाता तो उनके पास स्थिति को संभालने के लिए तो पर्याप्त अधिकार होते और न ही फोर्स. महाराष्ट्र के एक विधायक ने जैसी कि पहले धमकी दी थी कि कंगना को शिवसेना की महिला कार्यकर्ता सबक सिखाएंगी और अगर ऐसा कुछ हो जाता तो हिमाचल पुलिस के जवान कोई बल प्रयोग न कर पाने की मजबूरी के कारण कंगना को सुरक्षा देने की बजाय उनकी सुरक्षा के लिए चिंता का कारण बन सकते थे.

चूंकि हिमाचल में भाजपा की सरकार है, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हिमाचल से हैं, केंद्र में भी भाजपा है साथ ही जिस दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बयानबाजी से कंगना विरोधियों के निशाने पर हैं वे बिहार से ताल्लुक रखते थे और वहां चुनाव में भाजपा सुशांत के मामले को चुनावी मुद्दा बना चुकी है. इतनी सारी कड़ियां मिलने से इसका आसान तोड़ निकाल लिया गया केंद्र द्वारा सुरक्षा मुहैया कराना.

वाई श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराने से अब कंगना के निकट को केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान होंगे लेकिन मुंबई पुलिस को बाहरी सुरक्षा स्तर बनाए रखने की जिम्मेदारी होगी. यानी अगर शिवसैनिक कंगना के लिए किसी तरह की परेशानी खड़ी करते हैं तो उनकी निजी सुरक्षा 11 गार्ड के हाथों में होगी जो केंद्र की ओर से उन्हें मिलेंगे, बाहरी उत्पातियों से निपटने की जिम्मेदारी मुंबई पुलिस की होगी. सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे.

इसका एक और फायदा होगा. अब कंगना ज्यादा हमलावर होंगी और वह जितनी आक्रामक रहेंगी बिहार चुनावों में उतना फायदा एनडीए उठा सकता है.

दरअसल, संजय राउत और कंगना के बीच जुबानी जंग तब तेज हुई जब कंगना ने कहा था कि सुशांत की मौत के बाद उन्हें मुंबई से असुरक्षा महसूस होती है. इस पर राउत ने कह दिया कि अगर असुरक्षित महसूस होता है को कंगना को मुंबई आना ही नहीं चाहिए.

कंगना ने राउत पर पलटवार करते हुए उनसे पूछ लिया कि क्या मुंबई पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में है. इसके बाद शिवसेना के नेता और बॉलीवुड के कई लोग उन पर हमलावर हो गए थे. महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कह दिया कि कंगना को मुंबई आने का अधिकार ही नहीं है.

कंगना ने चुनौती दी कि वह 9 सितंबर को मुंबई आ रही हैं और जिसमें दम हो उन्हें रोककर दिखाए. शिवसेना विधायक प्रताप सरनाइक ने उन पर पलटवार करते हुए उनका मुंह तोड़ने की धमकी दी थी. शिवसेना विधायक की ओर से कंगना को ‘मुंह तोड़ने’ की धमकी दिए जाने के बाद अब इस विवाद में राष्ट्रीय महिला आयोग भी कूद पडा था. कंगना को क्लीनचिट देते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक की तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए. उसके बाद राउत ने भी कंगना के लिए असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया था.

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