बंगाली भी, महिला भी और ब्राह्मण भी… अधीर बाबू सही खेल गए

अधीर बाबू आखिरकार आज अधीर हो गए. हम बात कर रहे हैं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी की. अधीर बाबू ने आज एक के बाद एक पांच ट्वीट किए. वे भाजपा और जदयू द्वारा दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत को बिहारी प्रोजेक्ट किए जाने से खिसियाए थे.

उनका आरोप है कि सुशांत सिंह एक भारतीय एक्टर थे लेकिन भाजपा ने बिहार चुनावों में लाभ लेने के लिए उन्हें बिहारी कलाकार बना दिया. यह प्रदेश वाला खेल बंद होना चाहिए.

कितनी आदर्शवादी बात कर रहे थे अधीर बाबू. पर यह तो कहानी का आधा हिस्सा है.   

अधीर बाबू जहां सुशांत सिंह को बिहारी के रूप में प्रोजेक्ट किए जाने से चिढ़े हुए थे वहीं, सुशांत मामले की जांच में सलाखों के पीछे भेजी गईं रिया चक्रवर्ती में उन्हें एक बंगाली महिला नजर आ गई. और उन्होंने बात सिर्फ बंगाली महिला तक समेटकर नहीं रखी बल्कि क्षेत्रवाद के साथ-साथ जातीय कार्ड भी मारा.

अधीर बाबू ने लिखा कि रिया चक्रवर्ती एक बंगाली ब्राह्मण महिला हैं और उनके पिता सेना में सेवा दे चुके हैं. मतलब रिया के बहाने, जितने कार्ड हो सकते थे उन्होंने सब खेलने की कोशिश की. क्षेत्र-जाति और फिर सेना के नाम पर राष्ट्रवाद की.

बंगाली ब्राह्मण महिला का जिक्र किए जाने के पीछे ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि अधीर बाबू ने बंगाल की मुख्यमंत्री को भी इसी बहाने घेरने की कोशिश की है. ममता बनर्जी बंगाली हैं, महिला हैं और ब्राह्मण भी हैं. सुशांत को लेकर बिहार के पक्ष-विपक्ष के सभी दल अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं. भाजपा-जदयू के अलावा, चिराग पासवान से लेकर तेजस्वी यादव और पप्पू यादव तक इसे राजनीतिक रंग में रंगकर श्रेय लेने की कोशिश करते दिखे हैं. 

अधीर रंजन चौधरी ने हैरानी जताते हुए लिखा कि रिया पर न ही हत्या का आरोप लगा और न ही आत्महत्या के लिए उकसाने का. बल्कि उन्हें NDPS की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है. केंद्रीय जांच एजेंसियां सरकार में बैठे सत्ताधीशों को खुश करने के लिए काम कर रही हैं. उन्होंने जांच एजेंसियों पर तंज कसते हुए लिखा कि जांच एजेंसियां समुद्र मंथन के बाद अमृत के बजाय दवाई ढूंढ कर लाई हैं. और हत्यारे की खोज में अभी भी अंधेरे में तीर चला रही हैं.

कांग्रेस के सांसद ने कहा कि रिया के पिता सेना के अधिकारी रह चुके हैं और देश की सेवा की है. रिया एक बंगाली ब्राह्मण महिला भी हैं. सुशांत को न्याय की व्याख्या, एक बिहारी के लिए न्याय की व्याख्या नहीं होनी चाहिए. रिया के पिता को भी अपने बेटी के लिए न्याय मांगने का हक मिलना चाहिए.

सुशांत सिंह ने आत्महत्या की या उनकी हत्या हुई इसकी जांच में जुटी सीबीआइ अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है. इसी बीच ड्रग्स का एंगल जुड़ गया और सुशांत सिंह की कथित प्रेमिका रिया को नारकोटिक्स ब्यूरो ने 08 सितंबर को गिरफ्तार किया और उन्हें 22 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

रिया के समर्थन में बॉलीवुड के कई बड़े सेलिब्रेटी भी उतरे हैं. जिसमें तापसी पन्नू, विद्या बालन, सोनम कपूर, अनुराग कश्यप और फरहान अख्तर प्रमुख नाम हैं. सुशांत सिंह मामले का राजनीतिक फायदा उठाने की भी भरपूर कोशिश हुई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते समय सुशांत मामले की सीबाआइ जांच की सिफारिश को भी बतौर उपलब्धि गिनाया. बिहार भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ ने दिवंगत सुशांत सिंह के नाम से पोस्टर तक तैयार कराए हैं.

बिहार में इसी साल चुनाव होने हैं और बंगाल में अगले साल चुनाव होगा. ऐसे में राजनीतिक दल फिल्मी सितारों की आड में अपने-अपने प्रदेश की सियासी बिसात बिछाने में लगे हैं.  

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