कमांडर की बेटी मांग रही देश से बदला….

कमांडर की बेटी मांग रही देश से बदला, ईरान और अमेरिका के बीच करीब दो साल से प्रतिबंधों और धमकियों की शक्ल में चल रही तनातनी अब प्रत्यक्ष युद्ध में बदलती दिख रही है. कहीं यह तीसरे विश्वयुद्ध की आहट तो नहीं.

शनिवार को ईरान के सरकारी टीवी चैनल के माध्यम से अमेरिकी हमले में मारे गए सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी के घर का दृश्य सारी दुनिया ने देखा. ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी जनरल सुलेमानी के घर मातम के लिए पहुंचे, तो उनकी बेटी ज़ैनब सुलेमानी ने पूछा: 

मेरे पिता की हत्या का बदला कौन लेगा?” 

रूहानी ने अपने साथ मौजूद ईरान के आला अफसरों की तरफ से जवाब दिया, हम सब लेंगे. रूहानी ने ज़ैनब से कहा, “ख़ुदा आपको सब्र दे. इस दुख की घड़ी में ख़ुदा आपके साथ है और इसका इंसाफ़ होगा. हम सब बदला लेंगे और जरूर लेंगे.”

अमेरिकी हमले के बाद मध्य-पूर्व खासकर ईरान के टेलीविजन पर पर सबकी नजर है. इससे पहले दुनिया ने ईरान को क़ौम शहर की जमाकरन मस्जिद पर एक लाल झंडा लगाते देखा था जो अरबी परंपराओं के मुताबिक प्रतिशोध का प्रतीक है. अरबी रिवायत के मुताबिक किसी भी शख्स की हत्या होती है तो उसकी कब्र पर एक लाल झंडा गाड़ा जाता है जो बताता है कि उसके वारिस अभी जिंदा हैं और बदला जरूर लेंगे. चूंकि जनरल सुलेमान सुपुर्दे-ख़ाक(दफनाना) नहीं हुए थे इसलिए ईरान ने अपने गुस्से और प्रतिशोध के संकेत देने के लिए मस्जिद पर ही झंडा लहरा दिया था. और इसके बाद ईरान ने किया भी वही जो अरब की रिवायत कहती है- बदला.

शनिवार की रात ही इराक की राजधानी बगदाद के बेहद सुरक्षित इलाके ग्रीन जोन और अमेरिकी एयरबेस पर रॉकेट से हमले हुए. ग्रीन जोन में दो मोर्टार और अमेरिकी एयरबेस पर दो रॉकेट दागे गए थे. ग्रीन जोन बगदाद का बेहद सुरक्षित इलाका है, जहां अमेरिकी दूतावास स्थित है. इराकी सेना का कहना है कि एक मोर्टार ग्रीन जोन एंक्लेव के परिसर में और दूसरा इसके नजदीक फटा. विस्फोट के तुरंत बाद वहां चारों ओर सायरन की आवाजें गूंजने लगी थीं. ग्रीन जोन पर मोर्टार हमले के बाद बगदाद के उत्तर में स्थित बलाद एयरबेस को दो रॉकेटों से निशाना बनाया गया. यहां अमेरिकी सेनाएं रहती हैं. हालांकि ईरान ने आधिकारिक रूप से इसकी जिम्मेदारी तो नहीं ली है और यह स्पष्ट नहीं है कि हमला किसने किया है, फिर भी माना जा रहा है कि शुक्रवार को बगदाद में कमांडर सुलेमानी की हत्या के बदले में इसे अंजाम दिया गया. इन हमलों में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

ईरान की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतोल्लाह अली ख़मेनेई ने भी ‘सुलेमानी की हत्या का ‘कठोर बदला’ लेने की कसम खाई है. ख़मेनेई सोमवार को तेहरान यूनिवर्सिटी में सुलेमानी को अंतिम श्रद्धांजलि देंगे जिसके बाद जनरल क़ासिम सुलेमानी के शव को दफ़्न करने के लिए केरमान कस्बे में स्थित उनके घर ले जाया जाएगा. आशंका जताई जा रही है कि इसके बाद ईरान की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई होगी.

अमेरिकी ठिकानों पर हमलों के बाद प्रतिक्रिया देते हुए अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि ‘ईरान ने अगर अमेरिका की किसी भी सम्पत्ति को छुआ तो अमेरिका इसका ऐसा बदला लेगा जैसा ईरान ने कभी कल्पना भी न की होगी. ट्रंप ने ईरान को धमकाते हुए कहा कि अमेरिका 2 ट्रिलियन डॉलर अपने रक्षा इंतजामों पर खर्च करता है और वह दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे शक्तिशाली सैन्य शक्ति है. ट्रंप ने ईरान को कहा कि अगर ईरान ने कोई हमला किया तो अमेरिका ने ईरान के 52 ठिकानों की एक लिस्ट तैयार की है जिसे एकसाथ निशाना बनाया जाएगा.

अमेरीका के अनुसार 52 ठिकाने इसलिए चुने गए हैं क्योंकि 1979 की उस घटना के आज 52 साल हो गए हैं जब ईरान ने अमरीकी दूतावास में एक वर्ष से अधिक समय तक अमेरिकियों को बंधक बनाकर रखा था. 

शुक्रवार(3 जनवरी 2020) को अमेरिका ने एक ड्रोन हमले में ईरानी कमांडर सुलेमानी को तब मार गिराया था जब वह बगदाद में हवाई अड्डे से बाहर आ रहे थे. तब से दोनों देशों के बीच चली आ रही पुरानी तनातनी चरम पर पहुंच गई है और जानकार इसे तीसरे विश्वयुद्ध की आहट बता रहे हैं.

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