हाथरस का निर्भया कांडः कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में गैंगरेप की शिकार हुई 19 वर्षीय युवती की मौत का मामला अब तूल पकड़ चुका है. बताया जाता है कि इस घटना का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संज्ञान लिया है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है. आम जनता से लेकर राजनीतिक हस्तियों और फिल्म सितारों तक ने इस घटना पर स्थानीय प्रशासन की जमकर खिंचाई की है. मामला धीरे-धीरे दिल्ली के निर्भया कांड जैसा बनता जा रहा है.

पीडिता को गंभीर हालत में पिछले हफ्ते दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन मंगलवार की सुबह उसने अंतिम सांस लीं. इसके बाद घटना पर प्रतिक्रिया आने लगी. लेकिन हाथरस जिला प्रशासन ने मंगलवार रात 2.30 बजे शव का दाह संस्कार करवाकर मामले को और तूल दे दिया है.

हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत और देर रात हुए अंतिम संस्कार को अब विपक्ष ने मुद्दा बना दिया है. योगी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है. आरोप लग रहे हैं कि साक्ष्य को मिटाने के लिए पुलिस ने रात में ही जबरन अंतिम संस्कार कर दिया.

एक वायरल विडीयो में मृतका की मां कह रही हैं कि वह बिलखती रहीं कि बेटी को अपनी चौखट से हल्दी लगाकार विदा करेंगीं लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी. पुलिस ने घरवालों को शव नहीं दिया, न ही मृतका को अंतिम बार उसके घर ले जाया गया. दिल्ली से लाकर सीधे आधी रात को उसका दाह संस्कार कर दिया गया. पुलिस की कार्यप्रणाली पर चौतरफा हमले हो रहे हैं. यूपी सरकार ने इस मामले में एसआईटी जांच गठित कर दी है.

रात में हुए अंतिम संस्कार पर उठ रहे सवालों पर उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बयान दिया है कि पीड़िता का शव खराब हो रहा था. इसलिए परिजनों की सहमति से रात को ही अंतिम संस्कार कर दिया गया. पुलिस के इस दावे को परिजनों के साथ-साथ गांव के लोग भी गलत ठहरा रहे हैं.

हिंदू परंपराओं के अनुसार कुछ सिद्ध स्थानों को छोड़कर अन्य स्थानों पर रात्रि में दाह संस्कार वर्जित है. इस बात से भी लोगों की इस आशंका को बल मिला है कि पुलिस ने जबरदस्ती की है. 

रिटायर्ड पुलिस अधिकारी भी पुलिस के इस रवैये पर हैरानी जता रहे हैं. पूर्व आईपीएस एनसी अस्थाना ने कहा, ‘पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी की यह अच्छा है लेकिन लाश जबरन जलवा दी गई, यह सरासर बदमाशी है. सफदरजंग में पोस्टमॉर्टम हुआ या उसमें भी धांधली करवा दी? इससे तो परिवार का दूसरे पोस्टमॉर्टम की मांग करने का अधिकार भी छीन लिया गया. ऐसा लगता है कि केस को जानबूझ कर कमजोर करने के प्रयास हुए हैं.’

मुख्यमंत्री ने गृह सचिव की अध्‍यक्षता में तीन सदस्‍यीय एसआईटी बनाई है जिसमें डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस अधिकारी पूनम को सदस्‍य बनाया गया है. सीएम ने कहा कि टीम को शीघ्र रिपोर्ट देने को कहा गया है और मुकदमे का ट्रायल फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगा. उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए 25 लाख के मुआवजे और एक व्यक्ति को नौकरी देने की भी घोषणा की है.

बता दें कि युवती 14 सितंबर को अपनी मां के साथ खेत पर चारा लेने के लिए गयी थी. तभी पुरानी रंजिश व मुकदमेबाजी के कारण नाराज उसी गांव के संदीप ने जान से मारने की नियत से उसका गला दबा दिया था. पीड़िता के भाई द्वारा लिखवाई तहरीर में कहा गया था कि संदीप ने अपने चार साथियों सहित बहन के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और जान से मारने की नियत से गला दबाया. उसके साथ आरोपियों ने इतनी हैवानियत दिखाई कि उसकी जीभ कटकर अलग हो गई थी.

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