जदयू की बल्ले-बल्ले, मद्धम पड़ी लालटेन

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बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होंगे या नहीं इस पर अभी संशय बना हुआ है लेकिन नेताओं की एक दल से दूसरे दल में रस्मी कूद-फांद शुरू हो चुकी है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के निष्काषित तीन विधायकों ने गुरुवार (20 अगस्त) को जनता दल यूनाइटेट (जदयू) का दामन थाम लिया.

राजद की लालटेन छोड़कर तीर लपकने वालों में लालू यादव के समधी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय के बेटे चंद्रिका राय भी हैं. उनके साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री राम लखन सिंह यादव के पौत्र जयवर्धन यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी के बेटे फ़राज़ फातमी ने भी जेडीयू सदस्यता ले ली. तीनों विधायक अपने साथ एक राजनीतिक विरासत लेकर जदयू में आए हैं. 

राज्य के पूर्व मंत्री चंद्रिका राय छह बार सारण जिले की परसा सीट से विधायक रह चुके हैं जबकि उनके पिता दारोगा राय सात बार परसा सीट से विधायक रहे थे. चंद्रिका राय की बेटी ऐश्‍वर्या राय के साथ 12 मई 2018 को लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की शादी हुई थी. माना जाता था कि दो भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों के बड़े राजनीतिक घरानों के बीच हुआ यह रिश्ता पीढ़ियों तक निभाया जाएगा लेकिन बारहवीं पास तेज प्रताप यादव और एमबीए तक पढ़ी ऐश्वर्या का रिश्ता सिर्फ 175 दिन चला. तेज प्रताप ने तलाक का मुकदमा दायर कर रखा है. 

पटना के पालीगंज के विधायक जयवर्धन यादव शेरे बिहार कहे जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामलखन सिंह यादव के पौत्र हैं. पटना के आसपास के ग्रामीण इलाकों में उनके परिवार का बड़ा सम्मान है. 

केवटी के विधायक फराज फातमी के पिता एमएए फातमी भी केंद्रीय मंत्री रहे हैं. 30 साल तक लालू के भरोसेमंद साथी रहे फातमी ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए राजद से बगावत कर दी थी. उसके बाद से ही फातमी परिवार से तेजस्वी के रिश्ते तल्ख हो गए थे.

इसके पहले भी दो विधायक आरजेडी छोड़कर जेडीयू में जा चुके हैं. गायघाट के विधायक महेश्वर यादव और पातेपुर की विधायक प्रेमा चौधरी ने भी हाल ही में जदयू की सदस्यता ली थी. महेश्वर यादव और प्रेमा चौधरी के साथ फराज़ फातमी को भी पार्टी ने रविवार को निष्‍कासित कर दिया था और इनमें से दो ने सोमवार को ही जदयू की सदस्यता ले ली थी जबकि फराज फातमी गुरुवार को शामिल हुए.

यादव और मुस्लिम चेहरे के जदयू में शामिल होने से माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद के मुस्लिम-यादव वोट बैंक में सेंध लगा दी है.

हालांकि अगर राजद से कई नेता चले गए हैं तो कुछ प्रमुख नेता शामिल भी हुए हैं. बिहार के मंत्री और दलित नेता श्याम रजक हाल ही नीतीश कैबिनेट छोड़कर राजद में शामिल हो गए. 

कांग्रेस में भी टूट-फूट की आशंका जताई जा रही है. पार्टी अपने तीन से चार विधायकों को संगठन के भी कुछ भी प्रमुख चेहरों की निष्ठा को लेकर सशंकित है. जल्द ही कोई घोषणा हो सकती है. 

राजद की अगुवाई वाले विपक्षी महागठबंधन के लिए गुरुवार का दिन एक और झटके वाला रहा. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) महागठबंधन से अलग हो गई. हम का कहना है कि पार्टी महागठबंधन के लिए कोर्डिनेशन कमिटी बनाने की लगातार मांग कर रही थी और इसके लिए चार बार अल्टीमेटम दिया जा चुका था लेकिन तेजस्वी अपने तानाशाही रवैए के कारण सहयोगियों की बात को तवज्जो नहीं दे रहे थे. माना जाता है कि हम जदयू के साथ किसी समझौते की जल्द ही घोषणा करेगी. 

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