तेज प्रताप को सता रहा है ऐश्वर्या राय का डर?

लालू प्रसाद यादव के बड़े सुपुत्र और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक तेज प्रताप यादव अपना निर्वाचन क्षेत्र बदल रहे हैं. रघुवंश प्रसाद सिंह को लोटाभर पानी कहने के कारण लालू ने उन्हें रांची तलब किया था. तेज प्रताप लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपने समर्थकों के साथ गाड़ियों के काफिले संग रांची पहुंचे थे. उन लोगों ने नियमों की अवहेलना करते हुए होटल भी खुलवाए.

दबंगई को राजनीति की सफलता की कुंजी समझने वाले लालू ने बेटे को बुलाया तो था फटकारने को, पर खबर आ रही है कि बेटे के इस जलवे से प्रभावित लालू ने रिटर्न गिफ्ट में मनचाही सौगात दे दी है. जानकारी के मुताबिक तेज प्रताप ने पिता से विधानसभा चुनाव में अपनी महुआ सीट को बदलकर समस्तीपुर के हसनपुर से चुनाव लड़ने का आशीर्वाद मांगा. साथ ही, अपने पांच करीबी समर्थकों के लिए भी पार्टी टिकट की मांग की. 

अपने जिन समर्थकों के लिए तेज ने टिकट मांगी थी उनमें अंगेश सिंह (शिवहर), चंद्रप्रकाश (जहानाबाद), और डॉ. संदीप (काराकाट) शामिल हैं. 

बताया जाता है कि लालू पहले तेज की सीट बदले जाने के पक्ष में नहीं थे क्योंकि इससे गलत संदेश जाने की आशंका है. दसअसल तेज प्रताप को लगता है कि जनता दल यूनाइटेड महुआ सीट से उनके खिलाफ उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय को उतार सकती है. ऐश्वर्या के साथ तेज प्रताप का तलाक का विवाद चल रहा है.

लालू को लगता था कि अगर सीट बदली गई तो राजद यह संदेश नहीं दे पाएगी कि राज्य में राजद के पक्ष में हवा चल रही है क्योंकि प्रश्न उठेंगे कि अगर खुद लालूपुत्र को हार का डर सता रहा है तो औरों का क्या हाल होगा. पर तेज का अपने छोटे भाई और लालू के उत्तराधिकारी तेजस्वी के साथ रिश्तों में उतार-चढ़ाव दिखता रहता है.

उन्हें लगता है कि उनकी हैसियत अपने कुछ समर्थकों को टिकट दिलाने की भी नहीं है जबकि तेजस्वी पूरी पार्टी का टिकट बांटते हैं. ऐसे में अगर तेज विधानसभा चुनाव हार जाते हैं तो उनके राजनीतिक करियर का अंत हो सकता है.    

बताया जाता है कि तेजप्रताप आखिरकार लालू को मनाने में कामयाब हो गए. लालू ने तेज प्रताप से कहा कि वे तेजस्वी से मिलें और अपनी बात रखें क्योंकि लालू पार्टी में कोई टकराव नहीं चाहते. रांची से लौटने के बाद तेज ने तेजस्वी और राबड़ी देवी से मुलाकात करके अपनी मंशा बताई.

खबर है कि तेजस्वी ने उनकी 5 में से 3 सीटों पर तुरंत हामी भर दी. तेजप्रताप के लिए हसनपुर और अंगेश सिंह और चंद्रप्रकाश के लिए शिवहर और जहानाबाद सीटें पक्की हो गई हैं. जहानाबाद में तेज प्रताप के प्रत्याशी को टिकट देने के लिए सिटिंग विधायक कुमार कृष्ण मोहन उर्फ सुदय यादव का टिकट बदला जा रहा है.

जहानाबाद के विधायक सुदय यादव को इस आधार पर कुर्था शिफ्ट किया जा रहा है कि उनके दिवंगत पिता और पूर्व मंत्री मुंद्रिका यादव ने 1990 में पहली बार कुर्था से ही चुनाव जीता था. 2018 में डेंगू से मुंद्रिका यादव की मौत हो गई थी और उपचुनाव जीतकर सुदय यादव जहानाबाद के विधायक बने थे.

बताया जाता है कि इस बार यादव परिवार जहां तक संभव हो टकराव टालने के मूड में है. 2019 लोकसभा चुनाव में भी तेज प्रताप ने अपने समर्थकों के लिए टिकट की मांग की थी. तेजस्वी ने तेज प्रताप के समर्थकों को टिकट देने से मना कर दिया तो तेज प्रताप ने सबको निर्दलीय चुनाव लड़वाया था जिससे पार्टी के वोट कटे थे. 

तेज प्रताप ने साल 2008 में राजनीति में कदम रखा था. 2015 में वह वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट से चुनकर आए और महागठबंधन की सरकार में स्वास्थ्य, लघु जल संसाधन और पर्यावरण मंत्री बने थे. तेज प्रताप ने धर्म निरपेक्ष सेवक संघ नाम से एक गैर-राजनीतिक संगठन भी बनाया है जिसे भविष्य का राजनीतिक प्लेटफॉर्म माना जाता है. 

तेज प्रताप अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक का मामला कोर्ट में है. तेज प्रताप के ससुर और ऐश्वर्या राय के पिता हाल ही में आरजेडी छोड़कर जेडीयू में शामिल हो गए हैं.

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